Saturday 31 August 2013

सीधी साफ़ व मोटी मोटी बात

में कोई पिज़्ज़ा पास्ता खाने वाला अंग्रेजी में चपर चपर करने वाला बुद्धिजीवी तो हूँ नहीं । मोटी रोटी खाने वाला मोटी बुद्धि का इंसान हूँ । सीधी साफ़ व मोटी मोटी बात समझ आती है और वैसी ही बात करता हूँ । 


कांग्रेस व सोनिया / मनमोहन सरकार ने पिछले दस सालो में इस देश को बड़ी बेरहमी से भ्रष्टाचार / महाघोटालो के जरिये लूट कर खोखला कर दिया है । साथ ही इन्होने दुधारी विनाशकारी योजनाओं को, जहर की मीठी गोली की तरह पेश करके बर्बादी का पूरा इंतजाम कर दिया है । MNREGA ऐसी योजना है जो देश की मेहनतकश जनता को शारीरिक, मानसिक, व नैतिक तौर पर निकम्मा, निठल्ला, पंगु, आत्मसम्मान रहित, व सिर्फ वोट देने वाला गुलाम बनाती है | MNREGA ऐसी योजना है जो देश की सबसे बड़ी ताकत मानव संसाधन का विनाश कर रही है और नतीजे खेती, उद्योग, निर्यात, व अर्थव्यवस्था पर दिख रहे हैं । खाद्ध सुरक्षा योजना और कुछ नहीं MNREGA से भी ज्यादा घातक जहर की गोली है जो कि है बड़ी मीठी । 


ये दोनों दुधारी विनाशकारी योजनाए किसी साजिश का हिस्सा लगती हैं । मानव संसाधन के साथ देश की अर्थ व्यवस्था को भी बर्बाद करने वाली हैं | यह बात अब सर्वविदित है कि MNREGA भ्रष्टाचार का बहुत बड़ा अड्डा है और यही हाल खाद्द सुरक्षा योजना का भी होना सुनिश्चित है । 


मानव संसाधन, खेती, उद्योग. व अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर देने वाले उपायों के साथ खुदरा बाज़ार विदेशी व्यापारियों के लिए खोल दिया गया है। विदेशी खुदरा व्यापारियों के लिए ये अनिवार्यता भी समाप्त कर दी गयी है कि उन्हें अपनी खरीद का 30% माल भारत के उद्योगों से खरीदना पड़ेगा । विदेशी खुदरा व्यापारियों को दस लाख से कम आबादी वाले शहरो में भी दूकान खोलने की इजाज़त दे दी गयी है । 


पंगु लाचार मानव संसाधन, देश की बर्बाद होतो खेती, मृतप्राय उद्योग, निरंकुश विदेशी खुदरा व्यापारी,,,, क्या आपको कहीं इन सबमे कुछ समझ आरहा है ? 


ब्रिटिश इंडिया कंपनी भी व्यापार करने ही आई थी । अब इन विदेशी खुदरा व्यापारियों के लिए जमीन तैयार की जारही है । कितना समय लगेगा कहा नहीं जा सकता , लेकिन कदम गुलामी की तरफ निश्चित तौर पर बढ़ रहे हैं| हो सकता है आपका मत अलग हो । 


में रहू या न रहूँ, ...... इतिहास में वर्ष 1612 के मुग़ल सम्राट नुरुद्दीन सलीम जहांगीर की ही तरह वर्ष 2012/13 के मनमोहन सिंह को याद किया जाएगा | वर्ष 1612 में मुग़ल सम्राट नुरुद्दीन सलीम जहांगीर द्वारा की गयी भूल का निराकरण 335 साल भुगतने के बाद वर्ष 1947 में हुआ था । 


वर्ष 2004-2013 की सोनिया / मनमोहन सिंह द्वारा की गयी महाभूलो के क्या नतीजे होंगे और निराकरण कब होगा, शायद स्वयं भगवान भी ना बता सके ।

Sunday 11 August 2013

^^^^ पत्नी ^^^ :

^^^^  पत्नी ^^^  :


पत्नी नामक प्राणी भारत सहित पुरे विश्व में बहुतायत में पाए जाती है.।  प्राचीन समय में यह भोजन शाला में पायी जाती थी,।  लेकिन वर्तमान में यह शौपिंग मोल्स, थियेटर, व् रेस्तौरेंट्स के नजदीक विचरती हुई अधिक पायी जाती है.।  पहले इस प्रजाति में लम्बे बाल, सुन्दर आकृति व् पुरे वस्त्र प्रायः पाये जाते थे, ।  लेकिन अब छोटे बाल, अतयन्त छोटे वस्त्र, कत्रिम श्वेत मुख,, रक्त के सामान होठ सामान्य रूप से देखे जा सकते है ।  इनका मुख्य आहार "पति" नामक मूक प्राणी होता है.। भारत में इन्हें  धर्मपत्नी, भाग्यवती, लक्ष्मी नामो से भी जाना जाता है.।  अधिक बोलना, अकारण झगड़ना, अति व्यय करना, इस प्रजाति के मुख्य लक्षणों में से है ।  हलाकि इस प्रजाति पर सम्पूर्ण अध्यन करना संभव नहीं है, किन्तु सामान्यतः  इनके निम्न प्रकार होते है :--

१.  सुशील पत्नी --  यह प्रजाति अब विलुप्त हो चुकी है.।  इस प्रजाति की प्राणी सुशील व सहनशील होती थी और घरो में ज्यादा पायी  जाती थी । .

२. आक्रमक पत्नी --  यह प्रजाति भारत सहित पुरे विश्व में बहुत अधिक मात्रा में पायी जाती है.।  ये अपनी आक्रामक शेली, व  तेज प्रहार के लिए जानी जाती है । .समय आने पर ये बेलन,  झाड़ू व् चरण पादुका का उपयोग अधिक करती है.। 

३. झगडालू पत्नी --  यह प्रजाति भी वर्तमान में सभी जगह पायी जाती है. । इन्हें जॊर से बोलना व् झगडा करना अतंत्य पसंद होता है.।  इनका अधिकतर सामना"सास" नामक एक और अतंत्य खतरनाक प्राणी से  होता है  । 

४. खर्चीली पत्नी --  भारत जैसे गरीब देश में भी पत्नियों की ये प्रजाति निरन्तर बढती जा रही है । . इनकी मुख्य आदतों में क्रेडिट कार्ड रखना, बिना विचार किये खर्च करना और बिना जरूरत वस्तुए खरीदना है. ।   इस प्रजाति के साथ "पति" नामक प्राणी को थका हुआ, पीछे पीछे घूमते देखा जा सकता है । 

५. नखराली पत्नी --  इस प्रजाति के प्राणी अधिकतर आयने के सामने देखी जाती है. ।  इनके होठ रक्त के सामान लाल,  नाख़ून बड़े बड़े,  केश सतरंगी और चहरा श्वेत पाउडर से लीपा होता है । . इन्हें भोजन शाला में जाना और काम करना नापसंद होता है. । 



----चेतावनी-----  "पति" नामक प्राणी के लिए इस प्रजाति के प्राणी अतंत्य खतरनाक व् आक्रामक होते है.।  इन्हें साड़ी, गिफ्ट्स,  फ्लावर्स  के द्वारा कुछ समय के लिए नियंत्रित किया जा सकता है. ।