Friday, 31 October 2014

मुंगेरीलाल के हसीन सपने


आजकल कालेधन और विदेशी बेंको के खातों में कालाधन रखने वालो की बड़ी चर्चा है ।

किसके नाम सामने आएंगे , ये सबसे बड़ा आश्चर्य का विषय सारे देश के  दिलोदिमाग पर छाया हुआ है ।
उम्मीद है कि ज्यादातर ऐसे उद्योगपतियों व व्यापारियों के नाम सामने आएंगे जिन्होंने टैक्स चोरी के बाद उपजा कालाधन विदेशो में जमा कर रखा है ।

देश के अंदर भी जब जब कालेधन के विरुद्ध मुहीम होती है तो उच्च मध्यमवर्गीय या मध्यमवर्गीय उद्योगपतियों और व्यापारियों पर कहर बरपाया जाता है । बड़े औद्योगिक घरानो के साम्राज्य की तरफ आँख उठाकर देखने की हिम्मत ना तो पहले किसी में थी, ना है, और ना ही होगी ।

आखिर मध्यमवर्गीय व्यापारी वर्ग टैक्स चोरी क्यों करता है ? जटिल कर प्रणाली, बहुविध कर, करों की ऊंची दरें, अफसरशाही का भय, और व्याप्त भ्रष्टाचार मुख्य कारण हो सकते है । हमेशा की तरह व हर मुद्दे की तरह, इस मुद्दे पर भी मध्यमवर्ग पिसता आया है और दबाया व कुचला  जाता रहेगा ।

लेकिन यहाँ हम लक्ष्य से भटक रहे है । असली मुद्दा व लक्ष्य है राजनेताओ व अफसरशाहों द्वारा पिछले 67 सालो में देश और जनता से लूटा गया, चुराया गया धन ।

जनता अपने खून पसीने की कमाई का एक हिस्सा टैक्स के रूप में सरकार को देती है । देश की हर प्रकार की सम्पदा पर जनता का हक़ है । पिछले 67 सालो में जनता की खून पसीने की कमाई के हिस्से में से व देश की सम्पदा में से कितना धन राजनेताओ व अफसरशाहों द्वारा चुराया गया है, इसका कोई हिसाब नहीं ।  क्या ये हिसाब कभी लग पायेगा ? क्या इनके नाम कभी सामने आ पाएंगे? क्या कभी ये धन वापस देश व जनता को मिल  पायेगा ?

व्यापारी वर्ग से टैक्स चोरी के मामले पकडे जाने पर अर्थदंड जुर्माने, व ब्याज के साथ कर वसूल किया जाता है ।  लेकिन राजनेताओ व अफसरशाहों द्वारा जो कुछ किया जाता है वो लूट है, चोरी है, टैक्स चोरी है, भ्रष्टाचार है, दगाबाजी है।  देश व जनता के साथ विश्वासघात है ।  ग्राम पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम, राज्य सरकार, से लेकर केंद्र सरकार तक हर छोटा बड़ा राजनेता अपने स्तर पर अपना साम्राज्य कायम करता है ।  जन्म से मृत्यु तक जीवन के हर पहलु, हर क्षेत्र में आम भारतीय को अफसरशाही को भोग प्रसाद का अर्पण करके ही जीवनयापन करना पड़ता है । इतने विराट स्तर पर हो रही इस खुलेआम लूटपाट से कितना कालाधन पैदा होता होगा उसकी कल्पना करना भी असंभव सा लगता है ।

क्या कोई छू भी पायेगा , राजनेताओ व अफसरशाहों के इस विशाल साम्राज्य को ?

नाम सामने आना बड़ी बात नहीं है । बड़ी बात है कि क्या लूटा गया व चुराया गया धन वापस देश व जनता को मिल पायेगा ?  क्या लूट व चोरी करने वाले राजनेताओ और अफसरशाहों को उनके अपराधो की सजा मिल पाएगी ? क्या राजनेताओ व अफसरशाहों पर अर्थदंड और जुर्माना लगाकर ब्याज सहित कर वसूला जाएगा ?

शायद मुझे मुंगेरीलाल की तरह दिन में हसीन सपने देखने की गलत आदत पड़ गयी है । 

Friday, 23 May 2014

ये कैसा नेता है ???

ये कैसा नेता है ?


ये कैसा नेता है, जो संसद में जाता है तो भी संसद को मंदिर समझ के उसको नमन करके अंदर प्रवेश करता है ।

ये कैसा नेता है; जो बोलता है भारत माँ की सेवा करना, कैसी कृपा, बल्कि माँ की सेवा के लिए समर्पित हूँ ।

ये कैसा नेता है; जो मुस्लिम कार्ड नही खेल के सभी 125 करोड़ हिन्दुस्तानियों का ख्याल रखने का बोलता है ।

ये कैसा नेता है; जो बोलता है हम चले ना चले देश चल पड़ा है ।

ये कैसा नेता है; जो खुद क्रेडिट ना ले के बोलता है की ये जनता के विश्वास और उनकी आशाओ की जीत है ।

ये कैसा नेता है; जो खुद नाम कमाने की बात नहीं करता बल्कि बोलते है की भारत के लोग हर जगह नाम कमाते है ।

ये कैसा नेता है; जो दुसरो की तरह अपने लिए नही बल्कि देश के लिए जीने का बोलता है ।

ये कैसा नेता है; जो कौन हारा कौन जीता ये ना गिना के देश के विकास की बात करता है ।

ये कैसा नेता है; जो बोलता है की मेरी जो उचाईया दिखती है वो मेरी नही बल्कि मेरी पार्टी के वरिष्ट नेताओ की है जिन्होंने ने मुझे कंधे के ऊपर बैठाया है ।

ये कैसा नेता है; जो सत्ता सँभालने से पहले ही 2019 में अपने कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड देने का बोलता है ।

ये कैसा नेता है: जो जात-पात-धर्म की बात ना करके "सबका साथ; सबका विकास" करने का बोलता है ।

ये वही नेता है; जो अच्छे दिन लायेगा अब से अच्छे दिन की शुरुआत हो गयी है ।

मैं मेरे देश के इस महान नेता माननीय श्री. नरेन्द्र मोदी जी को कोटि कोटि शीश झुका के नमन करता हूँ ।

और इनके "सबका साथ; सबका विकास" के लक्ष्य को पूरा करवाने में हर संभव परिश्रम करने के लिए निष्ठावान हूँ ।